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Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Tragedy Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Tragedy Inspirational

बहुत अजीब है ये दुनिया

बहुत अजीब है ये दुनिया

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बहुत अजीब है ये दुनिया

नहीं हम समझ पाते हैं।

हवा जब तेज़ चलती है,

तो कुछ पत्ते टूट जाते हैं।

नए आशिक हैं मिलते जो,

तो फिर पुराने छूट जाते हैं।


बड़ी खुदगर्ज़ है ये दुनिया,

सदा ही निज लाभ बस देखे।

ख़ुदग़र्जों की इस महफ़िल से,

तो निकल खुद्दार जाते हैं।

नए आशिक हैं मिलते जो,

तो फिर पुराने छूट जाते हैं।


स्वार्थ रहता जब तलक सधता,

साथ में दुम हिलाते हैं रहते वे।

निकल मतलब उनका जब जाता 

किनारा कर निकल ही जाते हैं।

नए आशिक हैं मिलते जो,

तो फिर पुराने छूट जाते हैं।


शरीफों सा लिए चेहरा वे,

डटे महफ़िल में रहते हैं।

मगर मौका ज़रा मिलते ही,

बदल गिरगिट से जाते हैं।

नए आशिक हैं मिलते जो,

तो फिर पुराने छूट जाते हैं।


इन्हें पहचानना है बड़ा मुश्किल,

मुखौटा झूठा जो ये लगाए हैं।

भगत बगुला से हैं ये बने रहते ,

खंज़र पीठ में भोंक जाते हैं ।

नए आशिक हैं मिलते जो,

तो फिर पुराने छूट जाते हैं।


करें अब क्या ग़िला इनसे ?

जहरीली इनकी है फितरत।

बदलें निज फितरत हम कैसे?

मीरजाफर ही बदल पाते हैं ।

नए आशिक हैं मिलते जो,

तो फिर पुराने छूट जाते हैं।


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