अभी आज जीवन व मृत्यु के बीच झूलते,असमंजस में पड़े राहगीरों को निहारते है कभी पैरो तले रौंदे जाते अभी आज जीवन व मृत्यु के बीच झूलते,असमंजस में पड़े राहगीरों को निहारते है कभी ...
जल की दो बूंदों से बेहद खुश हो जाते आशीष में फल से सारा कर्ज चुकाते। जल की दो बूंदों से बेहद खुश हो जाते आशीष में फल से सारा कर्ज चुकाते।
ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते
कुछ पत्ते गीले दीखते हैं मानो अश्क समेटें खुद में हों कुछ पत्ते गीले दीखते हैं मानो अश्क समेटें खुद में हों
एहसास दिला रही थी अपने संग संग बहती हवा के झोकों का। एहसास दिला रही थी अपने संग संग बहती हवा के झोकों का।
मिट्टी में दफन हो जाते हैं सदा के लिए। मिट्टी में दफन हो जाते हैं सदा के लिए।