पत्ते, हवा और पेड़
पत्ते, हवा और पेड़
1 min
579
ये पत्ते,
हरे पत्ते
देखते हैं
जमीं पर गिरे
पीले पत्ते
और कांपते हैं
हवा के चलने पर ।
पास मे
खुलता
नया कोमल
अधखुला पत्ता
चाहता है जल्द
फैल कर बड़ा होना
सरसराना
हरे पत्तों की तरह
हवा से बातें करते।
अपनी
मुस्कान
विकृत करती
हवा
देखती है
पेड़ को
पेड़ मूक खड़ा है
उसने देखा है
असंख्य बार ये सब ।
