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Bhawna Kukreti Pandey

Romance Fantasy

4  

Bhawna Kukreti Pandey

Romance Fantasy

अनकहा ...

अनकहा ...

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प्रेम में कुछ भी

अनकहा नहीं रहना चहिए

प्रेम और कुछ नहीं तो 

आश्वासन तो चाहता ही है


क्योंकि 

प्रेम अभिव्यक्त होता है

तो सांस लेता 

विकसित होता है

उसमें अंकुर फूटते है

विश्वास के

शाखें उठती हैं निरंतरता 

की ओर

फल लगते हैं अनुराग के

हर मौसम।


जब जब 

समय की धूप से 

जीवन त्रस्त होता है

प्रेम के

वृक्ष तले ही  

सुकून पाता है

जो उसे 

कहीं नहीं मिलता।


अनकहा 

अक्सर प्रेम को

 सुखा देता है।



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