स्त्री को मिट्टी, पुरुष को धूप प्रेम को पानी, होते हुए देखा है मैंने ! स्त्री को मिट्टी, पुरुष को धूप प्रेम को पानी, होते हुए देखा है मैंने !
अपनी ज़िंदगी भी तू जी नहीं पाया। अपनी ज़िंदगी भी तू जी नहीं पाया।
स्त्री का सम्मान करो स्त्री बिना घर-आँगन उदास है। स्त्री का सम्मान करो स्त्री बिना घर-आँगन उदास है।
जगा के प्यार सीने में, एक जख्म दे गया प्यार का इज़हार बाकी था,तू अकेला छोड़ गया । अभी तो ठीक से न... जगा के प्यार सीने में, एक जख्म दे गया प्यार का इज़हार बाकी था,तू अकेला छोड़ गय...
रिश्तों में सदा ही तरलता रहे दीया मुहब्बत का जलता रहे। रिश्तों में सदा ही तरलता रहे दीया मुहब्बत का जलता रहे।
जीवंत कर रहा प्राण वो, उस स्वर्णिम बूंद में जीवंत कर रहा प्राण वो, उस स्वर्णिम बूंद में