STORYMIRROR

मेरा पहला प्यार था वो

मेरा पहला प्यार था वो

1 min
10.7K


कैसे भूल जाऊं की, तू मेरा पहला प्यार था

जगा कर सीने में प्यार, तू क्यों चिता पर पड़ा था।

अभी तो प्यार का अंकुर फूटा ही था,

सामने अर्थी पे तू क्यों फूलों से लिपटा था ।।


जगा के प्यार सीने में, एक जख्म दे गया

प्यार का इज़हार बाकी था,तू अकेला छोड़ गया ।

अभी तो ठीक से निहारी भी नही थी तुझे,

दिल मे तड़प जगा कर, तू तन्हा छोड़ गया मुझे ।


कुछ बाते करनी रह गयी थी,

तेरे संग प्रीत लगानी रह गयी थी ।

सोचा कि दुल्हन बन तेरे द्वारे आऊँगी

क्या पता था कि एक दिन,तेरी चिता को मैं ही आग लगाऊंगी।।


बड़ा बेवफ़ा निकला ऐ सनम तू ,

अकेला छोड़ मुझे, कही ग़ुम हो गया तू ।

मेरा प्यार कमजोर नहीं है, किसी और को बसा लूँ

दिल का शहर वीराना हो गया, पर तुझे यहाँ से कैसे निकालूँ ।।





Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy