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आसरा

आसरा

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कभी जो उदास हो जिंदगी को सोचता हूं, 

टूटते तारे सी अजीब सी रोशनी होती है। 

आसमान, सूरज ,चांद, सितारें सब हैं यहाँ, 

टूटते तारे की अपनी ही सिसकियाँ होती हैं। 


जिंदगी में सब दिखते अपने से हैं, 

यकीन मानिये कौन कहाँ किसी का होता है। 

ये पिछले बर्षों के याद संजो रखें जो हमने, 

सफर उन्हीं के सहारे चल रहा है शायद। 


जद्दोजहद और मौसमी परिंदों से रोज का मिलना है, 

आसरे न जाने किस आश से चला जाता हूं। 

कभी जो उदास हो जिंदगी को सोचता हूं, 

टूटते तारे सी अजीब सी रोशनी होती है। 


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