"चलो मन "
"चलो मन "
चलो मन दौड़ आए जिन्दगी की रेस में,
उठना और गिरना लगा है जिन्दगी की रेस में,
चलो मन दौड़ आए जिन्दगी की रेस में।
विचारों का सफर है ये, रुके से रास्ते भी हैं,
लगाओ दौड़ इतनी सी, मंजिल आसान हो जाए,
चलो मन दौड़ आए जिन्दगी की रेस में।
अधूरे से ख्वाब जो है, उन्हें भी थोड़ी हसरत मिल सके,
ख़यालों के नाव जो हैं, उन्हें भी पार होने दो,
रखें जो बाण तरकश में उन्हें भी आर-पार होने दो,
लगाओ दोड़ ज़ोरों की, जिन्दगी की रेस में।
चलो मन दौड़ आए जिन्दगी की रेस में,
उठना और गिरना लगा है जिन्दगी की रेस में।