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Kavita Panot

Tragedy

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Kavita Panot

Tragedy

बदला

बदला

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दिल में धधकती नफरतो

औऱ हिंसा की आग है।

हस नहस कर दे इन्सानियत को

ये दिल मे लगा बीमारी का वो दाग है।

प्रतिशोधो की ज्वाला में

रंगे हाथ लाल जवानों के

देखो सीमाओ पर ढेरो

बेगुनाहो की लाश है।



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