बदला
बदला
दिल में धधकती नफरतों
औऱ हिंसा की आग है।
टहस महस कर दे इन्सानियत को
ये दिल मे लगा बीमारी का वो दाग है।
प्रतिशोधो की ज्वाला में
रंगे हाथ लाल जवानों के
देखो सीमाओं पर ढेरों
बेगुनाहो की लाश है।
दिल में धधकती नफरतों
औऱ हिंसा की आग है।
टहस महस कर दे इन्सानियत को
ये दिल मे लगा बीमारी का वो दाग है।
प्रतिशोधो की ज्वाला में
रंगे हाथ लाल जवानों के
देखो सीमाओं पर ढेरों
बेगुनाहो की लाश है।