होली
होली
सुनो एक बार फिर मेरे सुने मन को तुम,
अपने स्नेह के रंगों से रंग देना,
मेरी कोरी चुनड़ी को भीनी कर देना,
पढ़ लेना फिर से मेरी आंखों की गहराइयों को,
भर देना फिर रंगों से मेरी मांग।
डूबो देना मुझे उस मीठे एहसास में,
जब भी पलके बंद करूं तो,
तेरी नामोजुदगी में भी,
तेरे पास होने का एहसास पाऊं।
इस होली में बस फिर एक बार,
मिटाकर सारी रंजीश और ग़म,
तेरे साथ प्यार के रंगों में रंग जाऊं।
और उन एहसासों को ऐसे अपनी साँसों में समा लूं।
तेरी नामोज़ूदगी में भी पलकों को बंद कर,
दिल को बहला लूं।
इस होली में, मैं रंग जाऊं ऐसे तेरे रंग में,
तेरे संग तेरे एहसासों को अपने जहन में समा,
इस होली को यादगार बना लूं।।
