प्यासी रूह को ठंडक पहुँचा दे वही तो प्यार है। प्यासी रूह को ठंडक पहुँचा दे वही तो प्यार है।
सीता की ये अग्नि परीक्षा आखिर कब तक चलती रहेगी। सीता की ये अग्नि परीक्षा आखिर कब तक चलती रहेगी।
नाकार नहीं सकता मौजूदगी को तेरी नज़ारों में नज़र आती, ओझल नज़रों में। नाकार नहीं सकता मौजूदगी को तेरी नज़ारों में नज़र आती, ओझल नज़रों में।
ख्वाब करना है वो पूरे आँखों में अब तक जो थे अधूरे। ख्वाब करना है वो पूरे आँखों में अब तक जो थे अधूरे।
पत्नी नहीं किसी पर अब आश्रित रखती हैं। पत्नी नहीं किसी पर अब आश्रित रखती हैं।
आए वो कभी पास जो धड़क उसे सुनाऊँ जपते उसका नाम जो मुझको चिढ़ाती है। आए वो कभी पास जो धड़क उसे सुनाऊँ जपते उसका नाम जो मुझको चिढ़ाती है।