कौन है तू
कौन है तू
कौन है तू मेरी निरस तन्हाइयों में
मेरी यादों की मुरझी परछाइयों में
मेरी आंखों की नींदों में , ख्वाबों में
बता कौन है तू मेरी दबी ख्वाहिशों में
तू मेरी दर्द की दवा हो नहीं सकती
मेरी आँसुओंकी रवा हो नहीं सकती
ना ही मेरे सुकून से वास्ता है तेरा
बता कौन है तू मेरी खामोशियों में?
मेरी हँसी में खिलखिलाती क्यों
मेरी खुशी से झिलमिलाती क्यों
क्यों नाचती हो मेरी उमंगों के संग
बता कौन है तू मेरी खुशियों में ?
मेरी नींदों में पलकों के नीचे क्यों तुम
मेरी यादों की हर दस्तक में क्यों तुम
बिखरी किरणों को समेटना आसाँ नहीं
बता कौन है तू मेरी दिल की गहराइयों में ?
खुली आँखों में,बंद पलकों में हो क्यों
धड़कनों में साँसों में समायी हो क्यों
नसों की रवानगी में भी सामिल हो जाती
क्यों काबिज़ हो जाती मेरी तन्हाईओं में ?
बड़ा सुहाना बड़ी अनूठी लगती है तू
हर पल हर जगह हाजिर हो जाती तू
नाकार नहीं सकता मौजूदगी को तेरी
नज़ारों में नज़र आती, ओझल नज़रों में।
