मुआफ़ कर दो
मुआफ़ कर दो
यादों में तेरी रह ना सका
मुआफ़ कर दो
दलीलें कुछ भी मत दो
दिल साफ कर दो।।
जिंदा रहूँ अपनो को ज़िंदा रखूं
इस कोशिश में
निकल चली तू मैं रुक गया
मुआफ़ कर दो।।
तेरे निकलना होगा इस तरह
पता होता अगर
ठहरता नहीं मैं हरगिज़
मुआफ़ कर दो।।
अब रफ्ता धीमी सी होती चली
मगर सुकून है,
जीना चाहता हूँ बड़े देर के बाद
मुआफ़ कर दो।।
फ़र्ज़ कर्ज़ ने किए जितने भी
दर्ज शिकायतें
शांत करने में कुछ देर हुई
मुआफ़ कर दो।।
रिश्ता हमारा तो जन्मजन्मों का
जारी रहेगी ही
छोड़ो शिकायतें इस जन्म का
मुआफ़ कर दो।।
