मर्ज़ पुरानी
मर्ज़ पुरानी
इलाज मत खोजो ये मर्ज पुरानी है
वैद्य बदल बोलना , ये तर्ज सुहानी है ।।
तेज कितनी बोलो सुनाई देगी नहीं
कानों में रुई इनकी दर्ज जुबानी है।।
फिर भी इनके यहाँ उमड़ती हुजूम ऐसी
जैसे चुकानी हो कोई कर्ज़ पुरानी है ।।
फ़र्ज़ जताने में कोई सानी नहीं इनकी
खून में शामिल इनकी ये ग़र्ज़ पुरानी है।।
रहबर कहो इनको रहनुमा ना कहना
खुदगर्ज़ी इनकी बामन मर्ज पुरानी है।।
