सरकारी खज़ाना
सरकारी खज़ाना
लुटाते तुम सरकारी खज़ाना
राजा जैसी जिंदगी बिताते
लाखों कड़ोड़ो खर्चा तुम्हारा
सुऱक्षा के नाम पैसा लुटाते
पार्टी तुम्हारी प्लानिंग तुम्हारी
ख़ुद नियम बनाते रहते तुम
फुट डाल राजनीति अपना के
बेरोजगारों को लूट के खाते
ग़रीबी भुखमरी फ़िर लालच दे
दिहाड़ी मज़दूर बनाते जाते
प्रशासन को नियम में उलझाते
न्यूज़ चैनल को नीति बताते
बातें लुभावनी करके लालच दे
जनता को भी लूट के खाते
ख़ुद के बनाये नियम में उलझते
जनता को भी उलझाते जाते
अचानक से आते फैसला सुनाते
मुसीबत कम नहीं और बढ़ाते
एक्सपर्ट भी कैसे जो राय बताते
अपनी बातों में खुद उलझ जाते।
