मुक्कमल इश्क़
मुक्कमल इश्क़
मेरे मरने के बाद
मेरी कहानी लिखना,
कैसे बर्बाद हुई
मेरी जवानी लिखना...
लिखना कि ख़ुशी को
तरसते रहे मेरे होंठ,
कैसे बरसा मेरी आँखों से
वो पानी लिखना...
और लिखना कि इंतज़ार
तो बहुत था उसे तेरा,
आख़िरी साँसो में हिचकियों की
वो रवानी लिखना ..
लिखना कि मरते हुए भी
करता रहा तेरी ख़ुशी की दुआ,
हाथ कफ़न से बाहर थे
ये निशानी लिखना....
मेरे मरने के बाद
मेरी कहानी लिखना,
कैसे बर्बाद हुई
मेरी जवानी लिखना...!