कभी दुल्हन की सेज सजाए, तो कभी महफिलों की रौनक बढ़ाए। कभी दुल्हन की सेज सजाए, तो कभी महफिलों की रौनक बढ़ाए।
शून्यता...। शून्यता...।
अनकही कहानी...। अनकही कहानी...।
दर्द की कहानी ! दर्द की कहानी !
पत्थरों के शहर में ये क्या किया आइना सबको दिखाते हम रहें... पत्थरों के शहर में ये क्या किया आइना सबको दिखाते हम रहें...
गहरे ज़ख़्मों को भरने में वक़्त तो लगता है...! गहरे ज़ख़्मों को भरने में वक़्त तो लगता है...!