मांँ दे दो
मांँ दे दो
मुझको मेरी मांँ दे दो
मुझको मेरी मांँ
मेरी मांँ दे दो
रेशमी नहीं
कीमती नहीं
मैला
वही आँचल दे दो
मुझको मेरी मांँ
मेरी मांँ दे दो
रोता रहा हूँ
बिलखता रहा हूँ
हर बाँह में तेरी
खुशबू
ढूंँढ़ता रहा हूँ
आशा और निराशा
के बीच
थक के, हार के
मैं सोया हूँ
झूला नहीं
पालना नहीं
थपकी
वही हाथों की दे दो
मुझको मेरी मांँ
मेरी मांँ दे दो
कौन हँसाएगी
रोऊँ तो मनाएगी
कलेजे से लगा कर
अब कौन सुलाएगी
सही से
चल भी नहीं सकता
बोल भी नहीं सकता
चीखूँ तो कैसे चीखूँ
दर्द मेरी
अब किसको सारी रात जगाएगी
चॉक्लेट नहीं
खिलौने नहीं
मीठी
वही लोरी दे दो
मुझको मेरी मांँ
मेरी मांँ दे दो
दौलत क्या
शोहरत क्या
लाख पाचँ लाख
है ये आखिर क्या
चाहत नहीं
तरसी नज़र की लगावट नहीं
स्टेशन पे मरी थी जो
ममता की
वही देवी दे दो
हक से कहूँ किसको
मांँ
बस यही कह दो
मुझको मेरी मांँ
मेरी मांँ
मांँ
मेरी मांँ दे दो।