काश कभी
काश कभी
चाँदनी रात हो
समन्दर किनारे
हाथों में तेरा हाथ हो
ऐ काश
वो दिन भी आए
तू मेरे सामने हो
आँखों में
तेरी सूरत
होंटों पे
बस तेरा ही नाम हो
जिंदगी में
खुदा मेरे
कभी ऐसा भी हो
यही आरजू
बस दुआ यही
मैं तेरे संग - संग
तू मेरे साथ हो
लेकिन
मगर अब तो
एक ख्वाबों बन गए हो
नयनों के मोती
यादें,आहें
सिर्फ दर्द बन गए हो
सोचा कभी न था
ऱब के आगे
यूँ रोना पड़ेगा
मैं,तुम्हें भूल जाऊँ
तुझसे सामना न हो
ये माँगना पड़ेगा!