सुन ले तू चीन हिन्द की ओर से अब न चलेगी धाँधली किसी ओर से। सुन ले तू चीन हिन्द की ओर से अब न चलेगी धाँधली किसी ओर से।
सबके प्रयास से वो दिन दूर न होगा, जब भारत बनेगा फिर से स्वर्ण-तारा। सबके प्रयास से वो दिन दूर न होगा, जब भारत बनेगा फिर से स्वर्ण-तारा।
मुझको मेरी मांँ मेरी मांँ मांँ मेरी मांँ दे दो। मुझको मेरी मांँ मेरी मांँ मांँ मेरी मांँ दे दो।
पेड़ से टूटकर पत्ते वजूद खो देते हैं अपनों से बिछडकर लोग रो देते हैं। पेड़ से टूटकर पत्ते वजूद खो देते हैं अपनों से बिछडकर लोग रो देते हैं।
अपनी मौज में साहिल को पाने का माद्दा रखे या फिर इच्छा और ख्वाहिशों के लिये न मरे। अपनी मौज में साहिल को पाने का माद्दा रखे या फिर इच्छा और ख्वाहिशों के लिये न ...
इसलिये पढ़ते रहे, गणित प्रसन्न रहोगे सदैव, नित। इसलिये पढ़ते रहे, गणित प्रसन्न रहोगे सदैव, नित।