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Vijay Kumar parashar "साखी"

Classics Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Classics Inspirational

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें

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ख्वाईशो का समंदर आप उतना ही गहरा रखे

जितना की आप उसकी गहराई तक पहुंच सके

हमको ज़माने में तब बड़ी ही तकलीफ होती है

जब कोई ख्वाइश मन ही मन अधूरी होती है


इच्छा और ख्वाइशें रखना उतना बुरा नही है,

जितना की उसके लिये प्रयास नही करना है,

अपनी मौज में साहिल को पाने का माद्दा रखे

या अपना रोना-धोना आप अपने पास ही रखे


आपके रोने-धोने से किसी को फर्क नही पड़ेगा

इससे अच्छा दुनिया में सुनामी बनकर लड़े

कम से कम लोग यह तो कहे,वह बड़ा शेर था

स्वाभिमान के लिये मर गया,पर झुका नहीं था


स्वाभिमान के लिये जीये, स्वाभिमान के लिये मरे

ख्वाइशें अवश्य पूरी होगी, जी तोड़ मेहनत करे

इच्छाओं की इतनी औकात नहीं, आप से दूर रहे,

इच्छाशक्ति इतनी प्रबल रखे, हर इच्छा पीछे-पीछे चले


अपनी मौज में साहिल को पाने का माद्दा रखे

या फिर इच्छा और ख्वाहिशों के लिये न मरे।


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