भीतर ही झांक तेरे जन्नत है जिंदगी बस चंद पलों की मोहताज है जिंदगी। भीतर ही झांक तेरे जन्नत है जिंदगी बस चंद पलों की मोहताज है जिंदगी।
हम गुरु घंटाल भी हैं हम पहुंची हुई उच्च कोटि की नौटंकी हैं ! हम गुरु घंटाल भी हैं हम पहुंची हुई उच्च कोटि की नौटंकी हैं !
गंदगी से भरी जग की महफ़िल में, तूने ही प्रभु मुझे फूल सा सँवारा है। गंदगी से भरी जग की महफ़िल में, तूने ही प्रभु मुझे फूल सा सँवारा है।
जिनकी जिंदादिली यहां जिंदा रहती है। जिनकी जिंदादिली यहां जिंदा रहती है।
आजकल ख़ामोश रहने लगा हूँ भीतर ही भीतर जीने लगा हूँ। आजकल ख़ामोश रहने लगा हूँ भीतर ही भीतर जीने लगा हूँ।
ज़माने की गंदगी हुई नेकी तेरी उसे कबुल हुई, जिसके सीने में साखी, अच्छाई की रोशनी हुई। ज़माने की गंदगी हुई नेकी तेरी उसे कबुल हुई, जिसके सीने में साखी, अच्छाई ...