पलटना चाहता हूँ मैं उसे आज भी लेकिन सोचता हूँ साथ कुछ देर और बिता लूँ। पलटना चाहता हूँ मैं उसे आज भी लेकिन सोचता हूँ साथ कुछ देर और बिता लूँ।
तुम कोई और नहीं मेरा पहला प्यार हो तुम। तुम कोई और नहीं मेरा पहला प्यार हो तुम।
तो देखते हम जीवन की शाम संग ढलते। तो देखते हम जीवन की शाम संग ढलते।
क़लम पुरानी है तो क्या हुआ, ख़्वाब तो है अभी भी नए। क़लम पुरानी है तो क्या हुआ, ख़्वाब तो है अभी भी नए।
आओ शब्दों के खेत में, ख़ामोशी को बोए, तितलियों के पंखों को, सपनों की जादुई छडी़ से, सहलाएँ.....। आओ शब्दों के खेत में, ख़ामोशी को बोए, तितलियों के पंखों को, सपनों की जादुई छडी...
क्योंकि कई बार मैं चाहता हूं अकेलेपन में भी तुमको सुनते रहना। क्योंकि कई बार मैं चाहता हूं अकेलेपन में भी तुमको सुनते रहना।