STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Classics

4  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Classics

सुन ले चीन

सुन ले चीन

1 min
472

सुन ले चीन तू हिन्द की ओर से

बाज आ तू अपनी छोटी सोच से

ये 1962 का हिंदुस्तान नही है

ये अब तलवार है,हर ओर से


तू न माना,फिर भुगतना होगा,

अंजाम बहुत बुरा हमारी ओर से

तू न जीत पायेगा,न हार पायेगा

रुलाएंगे तुझे बहुत चहुँओर से


सुन ले तू चीन हिन्द की ओर से

कोरोना फ़ैला लाखो को मारा है

पूरे विश्व को किया बेसहारा है

इस चीन देश के खिलाफ हो


आर्थिक मोर्चेबंदी हर ओर से

भारत ने मुँहतोड़ जवाब दिया, 

बहुत चीज बंद की अपनी ओर से

अब भारत आत्मनिर्भर बन रहा है


चीन को उत्तर देंगे डंके की चोट से

सुन ले तू चीन हिन्द की ओर से

अब न चलेगी धाँधली किसी ओर से।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics