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Alka Nigam

Romance

3  

Alka Nigam

Romance

वही तो प्यार है

वही तो प्यार है

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पलकों के बंद गलियारों से होके

सुबह की रेशमी धूप बनके दिल में पसर जाए

क्या यही प्यार है।


अँधेरी रातों को जो रजनीगंधा बन महका दे

और अलसुबह हरसिंगार के फूलों सा बिछ जाए

क्या यही प्यार है।


चाँद जब थोड़ा और करीब लगने लगे

और तारे झरोखे से झाँकते दिखें

क्या यही प्यार है।


सूरज की तपिश चाँदनी सी लगे

और साँझ की बेला तन जलाने लगे

क्या यही प्यार है।


शोर भी शहनाई सा लगने लगे

और तन्हाई सहेली सी प्यारी लगे

क्या यही प्यार है।


प्यार

जो दूर तक फैले रेगिस्तान में

आबे जम जम सा बरस के

प्यासी रूह को ठंडक पहुँचा दे

वही तो प्यार है।


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