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PANKAJ SAHANI

Romance

4  

PANKAJ SAHANI

Romance

अच्छा रहेगा नज़्म

अच्छा रहेगा नज़्म

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मुझे अब और ना

रूलाया जाये तों अच्छा रहेगा, 

उसकी तस्वीर कमरे से

 हटाया जाये तो अच्छा रहेगा ,


 मैं अजनबी ही ठीक हूँ

 शहर मे उनके,

 मेरी मौजूदगी की खबर ना 

बताया जाये तो अच्छा रहेगा ,


वो पागल है 

नंगे पांव दौड़ी आयेगी,

उसे अब और ना

 सताया जाये तो अच्छा रहेगा, 


उसके मुखबिर बने 

क्यों फिरते हो पंकज, 

मेरे लफ़्ज़ों का ओहदा

ना गिराया जाये तो अच्छा रहेगा।


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