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PANKAJ SAHANI

Children Stories Inspirational

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PANKAJ SAHANI

Children Stories Inspirational

यहीं उम्र है मरहम का,उम्र यही है घाव का ‌। पंकज

यहीं उम्र है मरहम का,उम्र यही है घाव का ‌। पंकज

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घर के जिम्मेदार बेटे

जब अय्याशियां करेंगे

घर के हालात कैसे सुधरेगा,

गरीबी से कैसे लड़ेंगे ?


यहीं उम्र है भीगने का

पसीने से नहाने का,

धूप में तपने का, और 

भूख को बढ़ाने का ।


यहीं उम्र है,

रण में उतरने का,

संघर्ष को चुनने का, और 

लांछनों से डरने का ।


यही उम्र है सरलता का

उम्र यही है बदलाव का,

यहीं उम्र है मरहम का, और 

उम्र यही है घाव का ‌।


और इसी उम्र में जो,

खनकती चूड़ियों से,

 बच गए है ।

पन्ना पलटकर देख लो ,

इतिहास वहीं रच गये है ।



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