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PANKAJ SAHANI

Abstract

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PANKAJ SAHANI

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कुछ ख्वाब अधूरे रह जानें से,

कुछ ख्वाब अधूरे रह जानें से,

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कुछ ख्वाब अधूरे रह जानें से,

कभी......

रिश्तों का धागा टूटा है क्या ।


सूरज उदय हो जाने से,

चंदा का.......

तारों से नाता छूटा है क्या ।


सूरज बनने की चाहत में,

लाखों.......

दीपक ,

जलते रहते हैं,

पर सूर्यास्त हो जाने पर भी

उसके पद को किसी ने लूटा है क्या ।


कुछ ख्वाब अधूरे रह जानें से,

कभी......

रिश्तों का धागा टूटा है क्या।


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