Ziddi ....
फिर मैं एग्जाम देने चला गया एग्जाम देकर बाहर आया तो मैंने फोन ऑन किया फिर मैं एग्जाम देने चला गया एग्जाम देकर बाहर आया तो मैंने फोन ऑन किया
ज़िंदगी एक उलझी सी पहेली है जो समझ न सके हम ऐसी एक सहेली है। ज़िंदगी एक उलझी सी पहेली है जो समझ न सके हम ऐसी एक सहेली है।
माना कि मैं थोड़ी जिद्दी थी मगर माँ मैं पास तेरे ही अच्छी थी। माना कि मैं थोड़ी जिद्दी थी मगर माँ मैं पास तेरे ही अच्छी थी।
लेकिन आज मैं इस कहानी को पूरा कर रहा हूँ कल मैंने उसे मार्केट में देखा लेकिन आज मैं इस कहानी को पूरा कर रहा हूँ कल मैंने उसे मार्केट में देखा
अब वह अपनी बच्ची को रोने नहीं देगी अब वह अपनी बच्ची को रोने नहीं देगी
मेरे मन में घूम -घूम कर कई विचार उमड़ रहे है मेरे मन में घूम -घूम कर कई विचार उमड़ रहे है
क्या बच्चे अपने बचपन में जिद नहीं करते ? क्या बच्चे अपने बचपन में जिद नहीं करते ?
मत खुदको तू अब जलने दे बन दुर्गा का रूप तू बन दुर्गा का रूप तू। मत खुदको तू अब जलने दे बन दुर्गा का रूप तू बन दुर्गा का रूप तू।
वो निगाहें आज भी रास्ता देख रही है किसी अपने के आने काबड़ी बेसब्री से। वो निगाहें आज भी रास्ता देख रही है किसी अपने के आने काबड़ी बेसब्री से।