Ziddi ....
दोहराये न कोई दुर्योधन तेरी इस कहानी को , दोहराये न कोई दुर्योधन तेरी इस कहानी को ,
और रब से तुम्हारे लिए फरियाद कर लिया करते है। और रब से तुम्हारे लिए फरियाद कर लिया करते है।
प्रेम भले हो आधा सा मगर हो कृष्ण और राधा सा। प्रेम भले हो आधा सा मगर हो कृष्ण और राधा सा।
कृष्ण कहो न कौन हो तुम ? बोलो न क्यों मौन हो तुम ? कृष्ण कहो न कौन हो तुम ? बोलो न क्यों मौन हो तुम ?
न बताए जो मैंने कभी, कैसे हर राज समझ लेते हो। न बताए जो मैंने कभी, कैसे हर राज समझ लेते हो।
माँ अम्बर के तारो सी, माँ ही लोरी से भरा खदान है , माँ अम्बर के तारो सी, माँ ही लोरी से भरा खदान है ,
बिन गुरु मिले न ज्ञान बिन शिक्षा मिले न सम्मान। बिन गुरु मिले न ज्ञान बिन शिक्षा मिले न सम्मान।
उसने सिर्फ जिस्म को चाहा है मेरे, रूह से मुझे कभी उसने जाना ही नहीं। उसने सिर्फ जिस्म को चाहा है मेरे, रूह से मुझे कभी उसने जाना ही नहीं।
मैं भी तो राधा तेरी नहीं बंध गया बंधन हम दोनों में तो क्या हुआ मैं भी तो राधा तेरी नहीं बंध गया बंधन हम दोनों में तो क्या हुआ
अब उनसे कोई बात होती नहीं , कोई मुलाकात अब होती नहीं। अब उनसे कोई बात होती नहीं , कोई मुलाकात अब होती नहीं।