मेरी कविता की पहचान .........
मेरी कविता की पहचान .........
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माँ शब्द नहीं, माँ सार है
माँ जीवन का आधार है,
माँ बिन सूना ये संसार है,
माँ ईश्वर का दिया, एक अनोखा वरदान है
माँ ममता की पहचान है,
माँ करुणा दया निदान है,
माँ अम्बर के तारो सी,
माँ ही लोरी से भरा खदान है ,
माँ अनसुलझी एक पहेली सी,
माँ ही मेरी कविताओं की पहचान है,
माँ त्याग तपस्या से भरी हुई,
माँ ही साहस की देवी महान है,
माँ का गुणगान बखानूँ कैसे
माँ ही मेरे हर पल की पहचान है........
माँ ही मेरी हर कविताओं की पहचान है........
