जाने कैसी प्रीत ......
जाने कैसी प्रीत ......
अब उनसे कोई बात होती नहीं ,
कोई मुलाकात अब होती नहीं ...
देख लेते है कभी उनकी एक झलक ,
तो फिर हमारी आँखे सोती नहीं ....
कभी भीगा करते थे, इन बारिश की बूंदो में
अब पहले जैसी वो बरसात होती नहीं .........

