जाते-जाते हम छोड़ जाते हैं दास्तांं, साया हो जानी है जो दुनिया की किताब में। जाते-जाते हम छोड़ जाते हैं दास्तांं, साया हो जानी है जो दुनिया की किताब में।
परछाई बन जाऊँगा मैं तेरे जिस्म की, मेरी होकर तू मुझे अपना बना दे। परछाई बन जाऊँगा मैं तेरे जिस्म की, मेरी होकर तू मुझे अपना बना दे।
पाने को एक झलक तुम्हारी चाहने वालों की भीड़ लगा करती थी ! वो तुम्हारे घर की खिड़की का पर्दा जब हवा ... पाने को एक झलक तुम्हारी चाहने वालों की भीड़ लगा करती थी ! वो तुम्हारे घर की खिड़...
हर झलक से कोहिनूर रोशन हो तो क्या कहेंगे? हर झलक से कोहिनूर रोशन हो तो क्या कहेंगे?
साथ रहना हमारे नसीब में नहीं कम से कम हमारी यादें तो साथ रहे। साथ रहना हमारे नसीब में नहीं कम से कम हमारी यादें तो साथ रहे।
अचानक से ना जाने क्यूँ वो मुझसे रूठ गई, परछाई भी नजर आती नहीं। अचानक से ना जाने क्यूँ वो मुझसे रूठ गई, परछाई भी नजर आती नहीं।