बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की,किसी गडरिये के होठो... बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की...
नाराज़गी जता कर क्यूँ न मुझसे आ मिले वो दिल मे रहते हुए भी दूरी, ये खूब कर लिया है नाराज़गी जता कर क्यूँ न मुझसे आ मिले वो दिल मे रहते हुए भी दूरी, ये खूब कर लिया...
गुलाब में गुलाब हो गुलाब की ही गुलाब हो गुलाब की पंखुड़ियों में समायी गुलाब हो गुलाब में गुलाब हो गुलाब की ही गुलाब हो गुलाब की पंखुड़ियों में समायी गुलाब हो
जाते-जाते हम छोड़ जाते हैं दास्तांं, साया हो जानी है जो दुनिया की किताब में। जाते-जाते हम छोड़ जाते हैं दास्तांं, साया हो जानी है जो दुनिया की किताब में।
चुप रहना ही सब कुछ कहने का अंदाज़ है। चुप रहना ही सब कुछ कहने का अंदाज़ है।
हर गोली सिने पे लूँ ! चाहे बेशक़ चले वो तुझ पर। हर गोली सिने पे लूँ ! चाहे बेशक़ चले वो तुझ पर।