दिल की बातों में तुम भी आया कर
दिल की बातों में तुम भी आया कर
दिल की बातों में तुम भी आया करो
नज़रे जो झुके तो न शरमाया करो
तुमसे मिलकर मुझे सुकुन सा है
मेरे दिल में तुम ऐसे आया करो...
दिल की बातों में तुम भी आया करो
अपनी नज़रों से तुमको पाया हूँ
तुम्हीं को दिल में मैंने बसाया हूँ2
कितना करता हूं खयाल तुम्हें
तेरी यादों को मैं सजाया हूँ
माने तुम बात तो बिछड़ जाऊँ न कभी
यहीं चाहत में न तड़पाया करो...
दिल की बातों में तुम भी आया करो
नज़रे जो झुके तो न शरमाया करो
तुमसे मिलकर मुझे सुकुन सा है
मेरे दिल में तुम ऐसे आया करो...
तेरी चाहत ने मुझको बेपर्दा किया
डूबा हूँ अश्कों में हरपल जानम
मेरी साँसों में अब तो बस तू ही तू
तुमसे मिलकर छाई खुशी जानम
क्या करूँ मैं जो ख़ुदा है मेरे साथ
यही सोच कर न कभी जाया करो
दिल की बातों में तुम भी आया करो
नज़रे जो झुके तो न शरमाया करो
तुमसे मिलकर मुझे सुकून- सा है
मेरे दिल में तुम ऐसे आया करो।