धूप है जो जिन्दगी में,
धूप है जो जिन्दगी में,
धूप है जो जिन्दगी में हर कदम
न छाँव है कहीं न और हम
पता भी न चला, कहाँ आए हम
जो है ये प्यार दिल में और गम
सफ़र में जो चले तो, मुश्किलें आयेंगी
सुबह है जो कभी, तो शामें आयेंगी
चल सको तो चलो दो कदम, और भी
ये रास्ते जो मिलते हैं कभी - कभी
मुड़ के कभी किसी को, न देखेगा
बढ़ेगा हर क़दम, जो चलेगा
रुकेगा न कभी, जो हौसलों से है परे
पायेगा मंजिलें वही जो हो चले