तेरा साथ मिला
तेरा साथ मिला
जाने कितने मिन्नतें हमने खुदा से किया
फिर जाकर खुदा से तुम जैसा सनम मुझे दिया
जो बसता है मेरी धड़कन में सांस बनकर
बहुत ख़ुश हूँ जो इश्क़ में सनम तेरा साथ मिला
वो मुलाकातें, शरारतें और तेरी मिठी मिठी बाते
अक्सर मुझे वो जगाती है हमें सारी सारी रातें
सुनी सी पलकों की दुनिया में सपनों की जो महफिल सजा
बहुत ख़ुश हूँ जो इश्क़ में सनम तेरा साथ मिला
मानती हूँ थोड़ी पागल हूँ पर इतना अहसास जरूर है
जैसा भी है मोहब्बत तेरा दिल तुझ पे करता गुरूर है
कभी नम थीं जो आँखें आज मुस्कुरा उठी ये लब भी मेरे
बहुत ख़ुश हूँ जो इश्क़ में सनम तेरा साथ मिला
सबकी पता नहीं पर तेरी परवाह हर पल मुझे रहता है
मेरा इश्क़ है सिर्फ तुम्हारे ही दिल की हर धड़कन कहता है
कोई निंशा भी नहीं रखना गम की अंधेरों का ज़िन्दगी में
क्योंकि बहुत ख़ुश हूँ जो इश्क़ में सनम तेरा साथ मिला
हाथों की खनकती चूड़ी कानों की झुमके बोलती है
जब जब बहती हवाएं मेरी बँधी ज़ुल्फ धोखे से खोलती है
झनक कर पैरो की पायल कहता है सुन ले जीया की
बहुत नूर खिल है हर श्रृंगार में जब से सनम तेरा साथ मिला
तुम्हें भी पता है सनम की क्यूँ अक्सर मैं ख़ामोश रहती हूँ
जो लब कह नहीं पाता उसे लफ़्ज़ों में जोड़ ग़ज़ल लिख दिया करती हूँ
पढ़ लेना हर अहसास नैना के लिखी इस इश्क़ के दास्ताँ में
की कितना सुकून मिला है सनम ज़िन्दगी में तेरा प्यार मुझे मिला....!!