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Naina Singh

Romance Action Others

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Naina Singh

Romance Action Others

दीवारों के कान

दीवारों के कान

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दुनिया की इस भीड़ में

जब भी दम घुटने लगता है मेरा

बंद कर लेते है खुद को

इस दिल के अँधेरी तहखाने में


कहने को तो कोई नहीं होता वहाँ

पर वहाँ भी हज़ारों करवा होते है

फिर भी सुन लेते है हम कानों से अपनी

धड़कनों की आवाज़ इतनी तेज़ होते है


उस तहखाने के हर दीवारों पर

अनकही यादों की तस्वीरें सजी है

जिसे देख आँखों में आँसू की जगह

दिल के ज़ख़्मों से निकले लहू बहते है


ये सोच कर हम कैद होते है अक्सर

की कुछ सुकून उस तहखाने में ही मिले

पर वहाँ भी खामोश रहे लब हमारे

जैसे खुद से ही कुछ कहने को हम डरते है


किसको सुनाऊँ ए दिल अब बता

ये जो हालात है मेरी इस ज़िन्दगी की

जिससे भी बयां करना चाहा उसने साथ छोड़ा मेरा

ऐसे ही कुछ ज़िन्दगी को हमसे शिकायत होते है


ऐसी भी क्या ज़िन्दगी नैना हमारी

जो चाह कर भी लब तन्हाई में भी मुस्कुरा न सके

सोचा कुछ बयां करूँ दर्द-ए-दिल अपना इन सुनी दीवारों से

शायद ये कुछ समझ ले इस तड़प को हमारी..

क्योंकि सुना है इन बेज़ुबान दीवारों के कान भी होते है.....!!



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