मुसाफिर हूँ यारों
मुसाफिर हूँ यारों
ज़िन्दगी के सफर में हर कोई अनजान होता है
एक कदम पर एक शख्स की नयी पहचान होता है
दिल जहाँ कहता है मुसाफिर हूँ यारों इस ज़िन्दगी में
जिस अहसास को महसूस करा दो वो मेरा अपना होता है
कभी गम में मायूसी के कहानी, खुशियों में हँसना होता है
कुछ दर्द में मुस्कुरा लिया, तो खुशी में हमें रोना होता है
जहाँ धड़कन कहता है मुसाफिर हूँ यारों इन अहसासों की
जिस पल मुस्कुरा दो वो पल हंसी का खजाना होता है
दिल के जहाँ में भी एक ख़्वाबों की दुनिया होता है
आँखों के झरोखे से दूर जज़्बातों की गहरी दरिया होता है
ख्वाहिशें वहाँ कहती है मुसाफिर हूँ यारों इन गहरी रातों का
जिस तरह भी सजा लो हमें एक न एक दिन तो हमें टूट जाना होता है
दिल को जितना समझा लो ये हर बात से बेपरवाह होता है
जिस बात की मना करे ये हर दफा हंसी गुनाह करता है
राहते जहाँ कहता है मुसाफिर हूँ यारों इस ज़िन्दगी का
जो ताउम्र साथ रहता है वो दिलों के जख्म अपना होता है
वक़्त हाथों से हमारे फिसलता महीन रेत सा जो होता है
आज जैसा है ज़िन्दगी अपना है कल कहाँ किसी का होता है
साँसे जिस्म की कहता है मुसाफिर हूँ यारों एक वक़्त का
किसी को पता नहीं की कब हमें बिछड़ जाना होता है
जो कुछ पल की समा सजी है खुलकर मुस्कुरा ले हम
एक एक पल ज़िन्दगी का अपनों के लिए बहुत खास होता है
ज़िन्दगी जहाँ हँस कर कहता है मुसाफिर हूँ यारों इस दुनिया में
निभा लो सच्चे दिल से प्यार अपनों में जो बहुत अनमोल है
फिर कल नैना हो न हो किसको जहाँ में पता होता है...!!

