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Vandana Srivastava

Romance

4  

Vandana Srivastava

Romance

बात होती रहेगी

बात होती रहेगी

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मुलाकात होती रहेगी,

बात होती रहेगी......


पथ के पथिक,जो मिले क्षणिक,उल्लास अत्यधिक,

हृदय में स्पंदन, अधरों का कम्पन, बांहों का बंधन,

सितारों की झिलमिल, जाये चांद रात खिल खिल,

ज्यों ज्यों कुमुदिनी भ्रमर संग प्रेम में खिलती रहेगी,

उस शीतल चंद्रमा की छॉंव में मुलाकात होती रहेगी..!

बात होती रहेगी....


मृग कस्तूरी, मरीचिका सी दूरी, ऑंखों में कटे रात पूरी,

भ्रमित मन, बेकल सी पवन, ढूंढता फिरता वन उपवन,

ख्वाबों की तस्वीर, मांगूँ बन फकीर, हाय मेरी तकदीर,

ज्यों ज्यों बेसुध हुई रात मदहोश ख्याल में बसती रहेगी,

सितारों के झिलमिल प्रकाश तले मुलाकात होती रहेगी..!

बात होती रहेगी......


तेरा अक्स, तीखे नैन नक्श, काया कंचन अब तो बख्श,

जुल्फों की छॉंव, रूनझुन करते पॉंव, शब्दों का अभाव,

शहनाइयों की आवाज, दुल्हन का लिबास, दिन है खास,

ज्यों ज्यों पिया मिलन की आस में मेहँदी रचती रहेगी,

पुष्पवाटिका में झरते टेसू के बीच मुलाकात होती रहेगी..!

बात होती रहेगी......


सुन मृगनयनी, कमसिन कुमुदिनी, गंगा सी पावन अवतरिणी,

श्वेत चंद्र सी चंचल काया, मस्तक पटल पर कुमकुम समाया,

स्वर्ण सी आभा करे चकित, गलत हो जाता मेरा प्रेम गणित,

ज्यों ज्यों पुरवइया में पवन पागल हिलोरें लेती रहेगी,

काजल की स्याही से लिखी रात में मुलाकात होती रहेगी..,!

बात होती रहेगी.........


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