वाह रे वाह
वाह रे वाह
सुबह सवेरे ठंड में रजाई में दुबक कर ,
टी.वी.पर देखते गणतंत्र दिवस की परेड चाय पी कर,
ज्ञान परोसते फिर महफिलों में जा कर,
वाह रे वाह देशभक्त तुम्हारे क्या कहने...!
कैसे लड़ते हैं दुश्मन खत्म क्यों नहीं कर पाते,
जा कर देखो उन मां बाप को जिनके लाल प्राण गंवाते,
हर घंटी पर किसी अनहोनी की आशंका की पैठ है,
उपदेश देना बस यही हमारी सोच है..!
उनसे पूछो जिनके कारण रातों को चैन से सोते हो,
तुम जब ए. सी. की हवा में बैठ गर्मी का रोना रोते हो,
वह जवान जो तपते मरूस्थल में डट कर खड़ा है,
दुबके रहो रजाई में वह बर्फ में सीना ताने खड़ा है..!
पुलवामा कारगिल चीन की सीमा कभी पाकिस्तान,
कितने जवान शहीद हो गये बन गये नेता महान,
किसने सुध ली किसको खबर परिवार उनका गया किधर,
बस मुंह लटका कर शांत हो कैंडिस जला ली फिर चल दिये काम पर..!
देशप्रेम का रह गया दिखावा सेल्फी लेकर पोस्ट करो,
फिर बक्से में बंद कर अगले आयोजन का इंतजार करो,
अखबार पढ़ो फिर डिस्कशन का अच्छा मसला ढूंढ लो,
थोड़ी सी दिखा संवेदना सारी महफिल फिर लूट लो..!
देशभक्ति की अलख घर घर गली गली जगानी होगी,
अपना उत्तरदायित्व समझ जिम्मेदारी निभानी होगी,
नस नस में बन ज्वालामुखी लहू लावा सा बहेगा,
देशप्रेम की ज्वाला में सूर्य समान तप कर निखरेगा ..!!
जय हिंद जय भारत जय मां भारती जय जयकार है,
सबसे प्यारा देश हमारा विश्व गगन की पुकार है,
अभिमान हमें है हम भारतवासी चूम धरा मिट जायेंगे,
अपनी मां के आंचल पर हम एक दाग भी ना लगायेंगे..!
