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Vandana Srivastava

Abstract Inspirational

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Vandana Srivastava

Abstract Inspirational

प्यारा हिंदुस्तान

प्यारा हिंदुस्तान

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विविधता से भरा यह मेरा हिंदुस्तान,

बना रहा विश्व में अपनी नई पहचान,

मेक इन इंडिया गूंज रहा चारों दिशाओं में,

नई स्फूर्ति प्रस्फुटित हो रही युवाओं में,

आत्मविश्वास से खड़ा चौड़ा सीना ताने,

नहीं झुका है ना ये झुकेगा पावन ध्वज हमारा,

सबसे प्यारा हिंदुस्तान हमारा ..!


अलग अलग भाषा है बोली है सबकी अपनी,

गुंजित होती यूं जैसे मंदिर से उठती स्वर लहरी,

पहनावा अलग पर रखता है सबको एक सूत्र में बांधे,

जैसे माला गुथी हो पुष्पों से जो मेरे वतन पर साजे,

पांव पखारे सागर की लहरें मस्तक पर सूर्य विराजे,

नहीं झुका है ना ये झुकेगा सम्मानित शीश हमारा ,

सबसे प्यारा हिंदुस्तान हमारा ..!


धरती हरी भरी नभ में फैला स्वर्णिम उजियारा,

पूरब पच्छिम उत्तर दक्षिण का बंधन बड़ा है प्यारा,

गंगा जमुना सी पावन नदियां हिमालय अटल विशाल रहे,

भगत सिंह आजाद लक्ष्मी बाई की गाथा से आबाद रहे,

झूल गये फांसी पर ना जाने कितनों नें गोली खाई है,

विश्वपटल पर सदैव चमकता रहे उज्जवल नाम हमारा ,

 सबसे प्यारा हिंदुस्तान हमारा ..!


जहां हर नर में राम की छवि हर नारी सीता का रूप है,

बच्चा बच्चा कान्हा जहां मां की ममता यशोदा स्वरूप है,

बच्चियों में छवि है राधा की मीरा सी पावन ज्योत है,

हर घर हैं मंदिर जहां दिलों में प्रेम की वीणा हो झंकृत,

सभ्यता और संस्कार से भरपूर इसकी महान संस्कृति,

अपनी मिट्टी मां है जिसपे न्यौछावर ये तन मन हमारा,

सबसे प्यारा हिंदुस्तान हमारा ..!


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