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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Inspirational

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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Inspirational

गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध

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राजा शुद्धोधन और रानी महामाया जैसे थे पिता माता।

दोनों के घर में पुत्र हुआ, सिद्धार्थ नाम से बुलाया जाता।


गौतम गौत्र था, इस कारण उस को गौतम पुकारा गया।

राजा बनेगा या पवित्र पथ प्रदर्शक, यही बतलाया गया।


सिद्धार्थ बालपन से शांत और चित्त था करुणा से भरा।

किसी प्राणी को पीड़ित देख, द्रवित हो अंतर्मन गहरा।


अश्वदौड़ में जब निकलने लगे अश्व के मुख से झाग।

उसको थका मान रुक गए, और पराजय आई भाग।


क्रीड़ा में भी सखा से पराजय मिलनी थी उन्हें स्वीकार।

कारण था कि उनको प्रिय नहीं थे, उसका दुख या हार।


देवदत्त के बाण से मूर्छित हंस के प्राणों को बचा लिया।

हंस के घाव पर औषधि लगाई, उसको अन्न जल दिया।


युद्ध में मृत्यु को प्राप्त सैनिकों के देख शव रक्तरंजित।

उनका मन करुणा से भरा, मन में विरक्ति हुई अंकित।


परिवार और संसार का मोह वे छोड़ गए, ध्यान लगाया।

गौतम बुद्ध शांति और करुणा के प्रतीक बने, प्रेम बरसाया।



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