पापी
पापी
पापी ने पाप बहुत आराम से समय लगाकर ही किया है।
भगवान ने भी उसके आराम का इंतज़ाम कर ही दिया है।
पापी ने सोचा वह पाप करके बिल्कुल साफ़ बच लिया है।
लेकिन भगवान ने ही उसके अंजाम का खेल रच दिया है।
पापी ने पाप करते हुए सोचा कि उसका कुछ भी नहीं बिगड़ेगा।
लेकिन वह भी पानी की एक एक बूँद के लिए नाक रगड़ेगा।
भगवान ने उसकी अंतिम सेज सजाने की तैयारी की है।
अब तो बस पापी के उस सेज पर लेटने की बारी ही है।
पापी भी दर्द और भूख प्यास से तड़प तड़पकर जाएगा।
मरने के बाद नरक में ही दूसरे पापियों की मार खाएगा।
