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Amit Singhal "Aseemit"

Drama Tragedy Children

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Amit Singhal "Aseemit"

Drama Tragedy Children

पूर्णविराम

पूर्णविराम

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एक जैसी दिनचर्या से कभी मन उदास सा हो जाता है...

कुछ बदलाव सा चाहता है...

मन करता है कि कहीं लम्बी यात्रा पर जाऊँ...

मगर कहीं जा नहीं सकता हूँ...!


बच्चों को कोचिंग देता हूँ...

सप्ताह के छह दिन उनको पढ़ाना भी ज़रूरी होता है...

एक भी क्लास छोड़ नहीं सकता हूँ...!

 

कभी कभी तो रविवार को भी पढ़ाना पड़ता है...

उनके महीने के टेस्ट और परीक्षा की तैयारी करानी पड़ती है...

इस ज़िम्मेदारी से मुँह तो मोड़ नहीं सकता हूँ...!


कई बच्चों के भविष्य मेरे कंधों पर टिके हैं...

तो ख़ुद के लिए खुशी के पल कैसे निकाल लूँ... 

उदास हो जाता हूँ सोचकर कि बच्चों संग अपने रिश्ते पर...

क्या मैं पूर्णविराम लगा सचमुच जा कहीं सकता हूँ...?


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