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Amit Singhal "Aseemit"

Drama Romance Fantasy

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Amit Singhal "Aseemit"

Drama Romance Fantasy

एक चाँद और

एक चाँद और

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जानना हो अगर सच्ची प्रीत के जज़्बात को।

देखना तुम आसमां एक पूर्णिमा की रात को।


एक चाँद और उसकी चाँदनी रहते हैं खोये।

प्यार की बरखा में भीगते पूरी रैन बिन सोये।


चाँदनी ले लेती है चाँद को अपने आगोश में।

फिर कहाँ रहता है बेसुध चाँद अपने होश में।


यह पल दोनों को लंबी जुदाई के बाद मिलता।

पूरे महीने तरसने के बाद प्रीत का रंग खिलता।


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