STORYMIRROR

नविता यादव

Drama

3  

नविता यादव

Drama

जीवन की रूपरेखा

जीवन की रूपरेखा

2 mins
285

अतीत की गहराइयों से कुछ हमने यूँ सीखा,

खूब मिला मज़ा, जब अपने आप को यूँ हमने

मुड़ कर के देखा,

वो भी एक दौर था अब ये भी एक दौर है

वहाँ भी मुस्कुराहट थी, यहाँ भी मुस्कुराहट है।।


हर जिम्मेदारी से परे हम वहाँ मस्त थे

करने वाला कोई और था,और हम खेलने में

मस्त थे

न भूख थी न प्यास थी

दोस्तों के साथ मस्ती बेहिसाब थी,

खाने - पीने की कोई चिंता न थी

माँ की रसोई हमेशा तैयार थी।।


थोड़ी फटकार थी, भाई-बहन मैं तकरार थी

किसको कितना ज़्यादा प्यार मिला इन्हीं

प्रश्नों की भरमार थी....

पिताजी का जोर से बोलना था, हम लोगों का

बिस्तर में चुप कर के घुस जाना था..


आज वर्तमान में जिम्मेदारी हम भी बखूबी निभा रहे

भाई -बहन से परे, बच्चों के झगड़े सुलझा रहे।

ये पल भी बड़े हसीन है

वही खेल है पर साथ में खिलाड़ी नए है।।


जिम्मेदारी वहीं है, पर निभाने वाले किरदार नए है,

वो बीती रात थी, उसमें बातें बड़ी मजेदार थी

ये नया सवेरा है, इसमें बच्चों संग मेला है

वहाँ हम बच्चे थे, अब यहाँ जवानी की बेला है

वहाँ भाई थे, यहाँ देवरों संग बातों का खेला है,


वहाँ बहन थी, यहाँ नन्दों का बसेरा है

वहाँ दोस्त थे, यहाँ पति संग साथ सुनेहरा है

वहाँ माता-पिता थे, यहाँ सास-ससुर का डेरा है।।


अंत में वहाँ भी हम हँसते थे, यहाँ भी हम हँसते है

चाहें कैसा भी दौर हो, कोई भी डगर हो

हम नहीं डरते है।।

एक मुस्कुराता हुआ चेहरा मेरी शान है

मेरी शख्सियत की पहचान है।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama