STORYMIRROR

Shivendra Mishra

Drama Romance

3  

Shivendra Mishra

Drama Romance

याद आता है

याद आता है

1 min
26.6K


जब भी देखूँ कोई हुस्न कमल,

तेरा ही दीदार आता है,

तेरे मदमस्त भरे उन नैनों का,

वो जाम बहुत याद आता है।


जब कोयल कलरव करती है,

कोई स्वर ठहर-सा जाता है,

तेरे गुलाबी कामुक होठों का,

वो गान बहुत याद आता है।


जब रेत हवा में उड़ती है,

एक अंधेरा-सा छा जाता है,

तेरे काले काले बालों का,

वो लहराना याद आता है।


जब लहर सागर में उठती है,

एक उन्माद-सा दिल में छाता है,

तेरे नजर छुपा के हँसने का,

वो शर्माना याद आता है।


जब भंवर कोई कुमुदनी को,

आकर यूँ ही चख जाता है,

तेरे बिन बोले सब कहने का,

वो चुंबन याद आता है।


जब गगन कोई पर्वत पर,

आकर ठहर-सा जाता है,

तेरी चंदन जैसी काया का,

वो आलिंगन याद आता है।


जब युगल कोई इस धरती पर,

क्रीडा करते दिख जाता है,

तेरे साथ बिताए लम्हों का,

हर पल बहुत याद आता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama