STORYMIRROR

robin tejpal

Drama Romance Others

4.0  

robin tejpal

Drama Romance Others

विदा

विदा

1 min
244


चलो ना फिर से शुरूआत करते हैं 

ये कहानी दोबारा से लिखते हैं 

थोड़ी इतराई सी तुम आओ

थोड़ा बेखबर सा मैं गुज़रता हूँ..


नज़रें मिला लेना और एक दफा

आसान न होगा माना, मगर फिर भी ...

आसान न होगा मगर फिर भी,

थोड़ा मुस्कुरा मैं भी दूंगा 

दबी आवाज़ में 

इधर उधर की,

इधर-उधर देख कर 

कुछ बातें ही कर लेंगे..


भीड़ रहती हैं रास्ते में 

खो न जाए कहीं 

हथेली न सही, कुछ दूर तक 

उंगलियां थाम के चल लेंगे ..

कुछ दूर तक, कुछ दिनों तक 

ऐसे ही सब दिन 

दोहरा के देखेंगे..

शायद कहीं से 

इससे बेहतर सबब मिल जाए

अलग होने का ...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama